महतंडीह :– जन जागरण अभियान

जन जागरण अभियान - महतंडीह गांव

गम्हारिया प्रखण्ड के नुवागढ़ पंचायत के महतंडीह गांव में जन जागरण अभियान का आयोजन हुआ, जिसकी अगुवाई झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रेम मार्डी ने की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गांव के लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें संगठित कर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार करना था। प्रेम मार्डी ने  ग्रामीणों के सामने बुनियादी सुविधाओं की कमी, सरकारी योजनाओं की विफलता और प्रशासनिक उदासीनता का मुद्दा मजबूती से रखा, जिससे गांव के लोग लंबे समय से जूझ रहे हैं।

“अब समय आ गया है कि गांव के लोग एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें। झारखंड के आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, और हमें इस स्थिति को बदलना है।”

— प्रेम मार्डी, JLKM केंद्रीय उपाध्यक्ष

प्रेम मार्डी ने कहा कि झारखंड के आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाएं अभी तक इन क्षेत्रों में पूरी तरह नहीं पहुंची हैं। उन्होंने इस विफलता के लिए सरकारों की नीतियों और भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि गांव के लोग एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें।

इस जन जागरण अभियान में प्रेम मार्डी ने JLKM के केंद्र अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो की विचारधारा को भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि टाइगर जयराम महतो की सोच केवल राजनीतिक बदलाव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह झारखंड के वंचित और पिछड़े वर्गों को एक सशक्त आवाज़ देने की दिशा में एक व्यापक सामाजिक आंदोलन है। JLKM का लक्ष्य झारखंड के गांवों को न केवल बुनियादी सुविधाएं दिलाना है, बल्कि उन्हें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना भी है। प्रेम मार्डी ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे टाइगर जयराम महतो की विचारधारा से जुड़ें और JLKM के माध्यम से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ें।

अभियान के दौरान, प्रेम मार्डी ने यह भी स्पष्ट किया कि JLKM की लड़ाई केवल विरोध प्रदर्शनों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक आंदोलन है जो झारखंड को एक नए युग में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और सरकारी लूटपाट के खिलाफ यह संघर्ष तभी सफल होगा जब लोग संगठित होकर अपने हक की आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के लिए चुप्पी तोड़ें और सक्रिय रूप से आंदोलन का हिस्सा बनें।

गांव के लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया और प्रेम मार्डी के विचारों को सराहा। JLKM के कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया और उन्हें संगठित होने की प्रेरणा दी। ग्रामीणों ने भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया और JLKM के साथ खड़े होने का वादा किया।

महतंडीह गांव में यह अभियान न केवल एक जागरूकता कार्यक्रम था, बल्कि यह एक नई ऊर्जा का संचार करने वाला अभियान साबित हुआ। इसने गांव के लोगों को अपने भविष्य के प्रति जागरूक और आशावान बनाया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि JLKM के इस आंदोलन का झारखंड के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों पर क्या प्रभाव पड़ता है और यह आंदोलन किस तरह से राज्य की राजनीति और समाज में बदलाव लाता है।

लेख:– देवाशीष महतो  |  www.Jbkss.in

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