टाइगर जयराम महतो की विचारधारा और जन जागरण अभियान पर प्रेम मार्डी
उदयपुर और लुपुंगडीह में आयोजित जन जागरण अभियान के दौरान प्रेम मार्डी ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के प्रमुख टाइगर जयराम महतो की विचारधारा को विस्तार से साझा किया। इस अभियान का मकसद सिर्फ चुनावी प्रचार नहीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और टाईगर जयराम महतो की क्रांतिकारी सोच के अनुरूप एक जन आंदोलन को खड़ा करना था।
टाइगर जयराम महतो की विचारधारा का केंद्र स्वराज और जनसत्ता पर आधारित है। उनके अनुसार, ग्रामीणों को केवल शासन द्वारा दी गई योजनाओं का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहिए। प्रेम मार्डी ने इस विचारधारा को अपनाते हुए ग्रामीणों को बताया कि अगर वे एकजुट होंगे, तो वे अपनी समस्याओं का समाधान खुद कर सकेंगे और सरकारी नीतियों का लाभ पूरी तरह उठा पाएंगे。
"सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज का निर्माण तभी संभव है जब हम एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें।" - प्रेम मार्डी
जयराम महतो की सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की सोच को आगे बढ़ाते हुए प्रेम मार्डी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि JLKM का लक्ष्य सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि एक ऐसे समाज की स्थापना करना है जहां संसाधनों का समान वितरण हो, आदिवासी और पिछड़े समुदायों को उनके पारंपरिक अधिकार वापस मिलें, और गांवों में स्वशासन का सपना साकार हो सके।
अभियान के दौरान प्रेम मार्डी ने बताया कि महतो की तरह, JLKM का दृष्टिकोण है कि किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण करना जरूरी है। गांवों की समृद्धि कृषि से जुड़ी है, और महतो की सोच के अनुरूप प्रेम मार्डी ने कहा कि सरकार बनने पर किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा, और उन्हें सशक्त बनाने के लिए विशेष योजनाएं लाई जाएंगी।
जयराम महतो की क्रांतिकारी सोच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि बदलाव सिर्फ चुनाव के जरिए नहीं बल्कि जनता के संगठित संघर्ष से ही संभव है। इस अभियान में प्रेम मार्डी ने इसी संदेश को दोहराया और ग्रामीणों से अपील की कि वे एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाएं, ताकि वे अपने अधिकार प्राप्त कर सकें और एक समतामूलक समाज की दिशा में आगे बढ़ सकें।
इस जन जागरण अभियान ने महतो की विचारधारा को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया, जिससे ग्रामीण न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुए, बल्कि एक नए झारखंड के निर्माण के लिए प्रेरित भी हुए।
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