विधायक ने बिना टेंडर का सड़क का कर दिया शिलान्यास: विकास या भ्रष्टाचार ?

तोपचांची में बगैर टेंडर सड़क का शिलान्यास: क्या है विधायक मथुरा महतो की असली मंशा?

तोपचांची प्रखंड में विधायक मथुरा महतो द्वारा बगैर टेंडर के सड़क का शिलान्यास किया गया है, यह सवाल उठता है: क्या यह विकास का एक कदम है, या नियमों का खुला उल्लंघन?

ख़बर:– हिंदुस्तान 

क्या विधायक ने जनता के हितों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया, या यह केवल उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा का हिस्सा है? जब हम विकास की बात करते हैं, तो क्या हमें पारदर्शिता और नैतिकता की भी जरूरत नहीं है?

यह कदम न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह जनता के प्रति विधायक की जिम्मेदारी पर भी गहरी चोट करता है। क्या इस मामले में कोई उचित जांच होगी, या यह मामला भी दब जाएगा?

तोपचांची की जनता अब जागरूक है और उन्हें अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की जरूरत है। इस मामले पर आपकी क्या राय है? क्या हम इसे नजरअंदाज कर सकते हैं, या हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए?

कई दिनो से चल रही है बिना टेंडर के शिलान्यास का सिलसिला  :

चुनाव को देखते हुए गिरिडीह में

ताबड़तोड़ फर्जी योजनाओं के शिलान्यास का दौर जारी है. शनिवार को ग्रामीण विकास प्रमंडल के करोड़ो की योजनाओं का शिलान्यास सदर विधायक सोनू ने किया. इस मौके पर विधायक ने कहा कि पिछले पांच साल में जितनी अधूरी योजनाएं थी, अब उसे प्राथमिकता के तौर पर लिया जा रहा है। पर सचाई तो ये है की इसका टेंडर ही नहीं था।
इतना ही नही गांडेय विधायक और सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन खुद अपने इलाके में अब तक करोड़ो की राशि से बनने वाले पुल पुलिया और सड़क निर्माण योजना की शिलान्यास कर रही है. कुछ दिन पहले ही सदर विधायक सोनू और गांडेय विधायक कल्पना ने मंत्री बेबी देवी के साथ मिलकर सदर प्रखंड और गांडेय विधानसभा के जरीडीह में सर जेसी बॉस विश्व विद्यालय और अभियंता कॉलेज के चारदीवारी का शिलान्यास कर चुकी है. और तब दोनो ने मिलकर अरबों रुपया के 50 से अधिक योजनाओं का शिलान्यास तो किए. लेकिन टेंडर किसी का नही हुआ. अरबों रुपए की योजना आरईओ, भवन निगम लिमिटेड और ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के बगैर टेंडर के ही प्रशासनिक स्वीकृति के साथ शिलान्यास कर दिया गया. लिहाजा, बगैर टेंडर के ही कराए गए शिलान्यास के बाद अब सवाल उठने शुरू हुए हैं की जब टेंडर हुआ नही, तो शिलान्यास का क्या औचित्य.

हम जनता के प्रतिनिधियों से पूछना चाहते हैं:

1. क्यों किया गया शिलान्यास बिना टेंडर के? क्या यह केवल जल्दबाजी में लिया गया निर्णय था, या इसके पीछे कोई और मंशा थी?

2. क्या विधायक मथुरा महतो ने पारदर्शिता का ध्यान रखा? क्या इस प्रक्रिया में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की गई थी?

3. क्या यह स्थानीय लोगों के हित में है, या किसी विशेष लाभ के लिए? क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा है?

इस मामले में जवाबदेही जरूरी है। तोपचांची की जनता को अपने अधिकारों के लिए सवाल उठाने का हक है, और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका विश्वास कायम रहे.

© लेख:– देवाशीष महतो | www.jbkss.in

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